आयुर्वेद से जुकाम, बुखार और खांसी को तुरंत सही कर सकते हैं

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आयुर्वेद से जुकाम, बुखार और खांसी को तुरंत सही कर सकते हैं
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आयुर्वेद से जुकाम, बुखार और खांसी को तुरंत सही कर सकते हैं

आजकल तापमान में उतार-चढ़ाव लगातार जारी है। दिन में धूप खिलने से तापमान बढ़ जाता है तो रात में पारा लुढ़क जाता है। ऐसे में थोड़ी असावधानी आपकी सेहत बिगाड़ सकती है। आयुर्वेद शास्त्र में इस समय को संधी काल कहा गया है। ऐसे मौसम में रोग अधिक शीघ्रता से शरीर पर हमला बोल देते हैं। खासकर अगर आपका शरीर कमजोर है तो लापरवाही काफी महंगी भी साबित हो सकती है। लेकिन संधी काल में बीमारियों से बचने के लिए आयुर्वेद में घर के छोटे-छोटे नुस्खे बताए गए हैं जो ऐसी परिस्थिति से निपटने के लिए कारगर साबित हो सकते हैं।

आयुर्वेद का अर्थ है लंबी आयु का रहस्य। आयुर्वेद में 75 प्रतिशत रोगों को दूर करने के लिए घर के रहन सहन और जीवन शैली पर निर्भर करता है, जबकि 25 प्रतिशत औषधियों से उपचार किया जाता है। सर्दियों में बुखार का हमला मनुष्य पर कभी भी हो सकता है। मौसम बदलना शुरू हुआ नहीं कि बुखार ने आ घेरा। मच्छरों का आक्रमण भी मलेरिया जैसे जानलेवा बुखार को आमंत्रित कर देता है। ऐसे में आवश्यकता होती है उचित इलाज और सही जानकारी की, जो घर में आसानी से उपलब्ध हो सकते हैं।आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. केडी शर्मा कहते हैं कि बदलते मौसम में सर्दी, खांसी व जुकाम जैसे रोग जल्दी पनपते हैं। इस मौसम में पौधों में फूल खिल रहे होते हैं, जिससे वातावरण में पोलन की अधिकता हो जाती है। इसके अलावा धुल अधिक होने से गला खराब हो जाता है जो बाद में गंभीर रोग के रूप में पनप जाता है।

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क्या करें उपाय:-

♦ समान्‍य कोल्‍ड और खांसी के उपचार के लिए बहत की कारगर घरेलू उपाय है तुलसी, यह ठंक के मौसम में लाभदायक है। तुलसी में काफी उपचारी गुण समाए होते हैं, जो जुकाम और फ्लू आदि से बचाव में कारगर हैं। तुलसी की पत्तियां चबाने से कोल्ड और फ्लू दूर रहता है। खांसी और जुकाम होने पर इसकी पत्तियां (प्रत्येक 5 ग्राम) पीसकर पानी में मिलाएं और काढ़ा तैयार कर लें। इसे पीने से आराम मिलता है।

♦ सर्दी और जुकाम में अदरक बहुत फायदेमंद होता है। अदरक को महाऔषधि कहा जाता है, इसमें विटामिन, प्रोटीन आदि मोजूद होते हैं। अगर किसी व्यक्ति को कफ वाली खांसी हो तो उसे रात को सोते समय दूध में अदरक उबालकर पिलाएं। अदरक की चाय पीने से जुकाम में फायदा होता है। इसके अलावा अदरक के रस को शहद के साथ मिलाकर पीने से आराम मिलता है।

♦ जुकाम और खांसी के उपचार के लिए आप गेहूं की भूसी का भी प्रयोग कर सकते हैं। 10 ग्राम गेहूं की भूसी, पांच लौंग और कुछ नमक लेकर पानी में मिलाकर इसे उबाल लें और इसका काढ़ा बनाएं। इसका एक कप काढ़ा पीने से आपको तुरंत आराम मिलेगा। हालांकि जुकाम आमतौर पर हल्का-फुल्का ही होता है जिसके लक्षण एक हफ्ते या इससे कम समय के लिए रहते हैं। गेंहू की भूसी का प्रयोग करने से आपको तकलीफ से निजात मिलेगी।

♦ जुकाम और खांसी के इलाज के लिए यह बहुत अच्‍छा देसी ईलाज है। दो चुटकी, हल्दी पाउडर दो चुटकी, सौंठ पाउडर दो चुटकी, लौंग का पाउडर एक चुटकी और बड़ी इलायची आधी चुटकी, लेकर इन सबको एक गिलास दूध में डालकर उबाल लें। इस दूध में मिश्री मिलाकर पीने से जुकाम ठीक हो जाता है। शुगर वाले मिश्री की जगह स्टीविया तुलसी का पाउडर मिलाकर प्रयोग करें।

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♦ जुकाम और खांसी से बचाव के लिए हल्‍दी बहुत ही अच्‍छा उपाय है। यह बंद नाक और गले की खराश की समस्‍या को भी दूर करता है। जुकाम और खांसी होने पर दो चम्‍मच हल्‍दी पावडर को एक गिलास दूध में मिलकार सेवन करने से फायदा होता है। दूध में मिलाने से पहले दूध को गर्म कर लें। इससे बदं नाक और गले की खराश दूर होगी। सीने में होने वाली जलन से भी यह बचाता है। हती नाक के इलाज के लिए हल्दी को जलाकर इसका धुआं लें, इससे नाक से पानी बहना तेज हो जाएगा व तत्काल आराम मिलेगा।

♦ इलायची न केवल बहुत अच्‍छा मसाला है बल्कि यह सर्दी और जुकाम से भी बचाव करता है। जुकाम होने पर इलायची को पीसकर रुमाल पर लगाकर सूंघने से सर्दी-जुकाम और खांसी ठीक हो जाती है। इसके अलावा चाय में इलायची डालकर पीने से आराम मिलता है।

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