पीलिये का आयुर्वेदिक व घरेलू उपचार -

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पीलिये का आयुर्वेदिक व घरेलू उपचार -
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KayaWell Expert

पीलिया एक ऐसी बीमारी है जो किसी भी व्यक्ति को हो सकती है । यह बीमारी मनुष्य के लिए कभी - कभी जानलेवा भी हो जाती है । इस बीमारी में मनुष्य का खून पीला पड़ने लगता है । और शरीर कमजोर हो जाता है । इस बीमारी का मुख्य कारण पाचन शक्ति का सही ढंग से काम न करना । मनुष्य की पाचन शक्ति ख़राब होने के कारण खून बनना बंद हो जाता है और उनके शरीर का रंग धीरे - धीरे पीला पड़ने लगता है । इसी को हम पीलिया कहते है। पीलिया जैसी बीमारी को ठीक करने के लिए घर में रखी वस्तुओं से इस बीमारी को जड़ से ख़त्म किया जा सकता है ।

पीलिया मे रोगी का शरीर पीला पड़ने लगता है और उसके पित्त में वृद्धि होने लगती है l रोगी का शरीर ही नही बल्कि रोगी के नाख़ून, त्वचा, आँखों के बीच का सफ़ेद भाग और उसका मूत्र भी पीले रंग का हो जाता है l इस रोग को Jaundice भी कहा जाता है l ऐसे रोगियों की खाने में बिलकुल रूचि नही रहती और यदि इस रोग का समय पर उपचार नही कराया जाता तो इससे रोगी की मृत्यु तक हो सकती है l इसलिए इसे समय पर पहचानना और इसकी रोकथाम अनिवार्य है l



  • इस रोग से बचने के लिए रोगी अनेक तरह के उपचार और एंटी बायोटिक का सहारा लेता है. जिससे उनके शरीर पर कुछ अन्य प्रभाव भी हो सकते है किन्तु आज हम आपको कुछ ऐसे घरेलू आयुर्वेदिक उपाय बता रह है जिनको अपनाकर आप पीलिया जैसी भयंकर रोग से तुरंत मुक्ति पा सकते हो l इन उपायों का आपको कोई साइड इफ़ेक्ट भी नही होता है l

  • • पीलिया रोग क्या है ?
  • वायरल हैपेटाइटिस या जोन्डिस को साधारणत: लोग पीलिया के नाम से जानते हैं। यह रोग बहुत ही सूक्ष्‍म विषाणु (वाइरस) से होता है। शुरू में जब रोग धीमी गति से व मामूली होता है तब इसके लक्षण दिखाई नहीं पडते हैं, परन्‍तु जब यह उग्र रूप धारण कर लेता है तो रोगी की आंखे व नाखून पीले दिखाई देने लगते हैं, लोग इसे पीलिया कहते हैं।
  • जिन वाइरस से यह होता है उसके आधार पर मुख्‍यतः पीलिया तीन प्रकार का होता है वायरल हैपेटाइटिस ए, वायरल हैपेटाइटिस बी तथा वायरल हैपेटाइटिस नान ए व नान बी।

  • • पीलिया रोग से छुटकारा कैसे पाए 
  • अगर आप में भी पीलिया रोग के लक्षण दिखाई देते है तो बिना देरी किये अपने आस-पास के एक अच्छे हेल्थ एक्सपर्ट से इसकी जॉच करवाएं, इसके  लिए आपको एक अच्छे एक्सपर्ट को तलाश ने जरुरत होगी, लेकिन अब आपको परेशान होने की बिलकुल  जरूरत नहीं हैं , क्योंकि आपकी इस समस्या का हल भी  आपको ऑनलाइन ही मिल जायेगा | यहाँ पर आपको आपके क्षेत्र के अनुसार एक अच्छे एक्सपर्ट की लिस्ट मिल जाएगी CLICK HERE l जिनसे आप ऑनलाइन या ऑफलाइन बातचीत कर सकते हैं, नीचे दिए गए उपायों को अपनाकर आप पीलिया  रोग से बच सकते हैं ।

  •  पीलिया रोग कैसे फैलता हैं ?
  • यह रोग ज्‍यादातर ऐसे स्‍थानो पर होता है जहाँ के लोग व्‍यक्तिगत व वातावरणीय सफाई पर कम ध्‍यान देते हैं अथवा बिल्‍कुल ध्‍यान नहीं देते। भीड-भाड वाले इलाकों में भी यह ज्‍यादा होता है। वायरल हैपटाइटिस बी किसी भी मौसम में हो सकता है। वायरल हैपटाइटिस ए तथा नाए व नान बी एक व्‍यक्ति से दूसरे व्‍यक्ति के नजदीकी सम्‍पर्क से होता है। ये वायरस रोगी के मल में होतें है पीलिया रोग से पीडित व्‍यक्ति के मल से, दूषित जल, दूध अथवा भोजन द्वारा इसका प्रसार होता है।
  • ऐसा हो सकता है कि कुछ रोगियों की आंख, नाखून या शरीर आदि पीले नही दिख रहे हों परन्‍तु यदि वे इस रोग से ग्रस्‍त हो तो अन्‍य रोगियो की तरह ही रोग को फैला सकते हैं।
  • वायरल हैपटाइटिस बी खून व खून व खून से निर्मित प्रदार्थो के आदान प्रदान एवं यौन क्रिया द्वारा फैलता है। इसमें वह व्‍यक्ति हो देता है उसे भी रोगी बना देता है। यहाँ खून देने वाला रोगी व्‍यक्ति रोग वाहक बन जाता है। बिना उबाली सुई और सिरेंज से इन्‍जेक्‍शन लगाने पर भी यह रोग फैल सकता है। पीलिया रोग से ग्रस्‍त व्‍यक्ति वायरस, निरोग मनुष्‍य के शरीर में प्रत्‍यक्ष रूप से अंगुलियों से और अप्रत्‍यक्ष रूप से रोगी के मल से या मक्खियों द्वारा पहूंच जाते हैं। इससे स्‍वस्‍थ्‍य मनुष्‍य भी रोग ग्रस्‍त हो जाता है।

  • • पीलिया रोग कहाँ और कब?
  • ए प्रकार का पीलिया तथा नान ए व नान बी पीलिया सारे संसार में पाया जाता है। भारत में भी इस रोग की महामारी के रूप में फैलने की घटनायें प्रकाश में आई हैं। हालांकि यह रोग वर्ष में कभी भी हो सकता है परन्‍तु अगस्‍त, सितम्‍बर व अक्‍टूबर महिनों में लोग इस रोग के अधिक शिकार होते हैं। सर्दी शुरू होने पर इसके प्रसार में कमी आ जाती है।

  • • पीलिया रोग के लक्षण:-
  • रोगी को बुखार रहना।
  •  भूख न लगना।
  •  चिकनाई वाले भोजन से अरूचि।
  •  जी मिचलाना और कभी कभी उल्टियाँ होना।
  •  सिर में दर्द होना।
  •  सिर के दाहिने भाग में दर्द रहना।
  •  आंख व नाखून का रंग पीला होना।
  •  पेशाब पीला आना।
  •  अत्‍यधिक कमजोरी और थका थका सा लगना    
  • • पीलिया रोग के कारण हैः- 
  • अगर रक्त में बिलीरुबिन की मात्रा 2.5 से ज्यादा हो जाती है तो लिवर के गंदगी साफ करने की प्रक्रिया रुक जाती है और इस वजह से पीलिया होता है।
  • प्री-हिपेटिक पीलिया लाल रक्त कोशिकाओं के जल्दी टूटने से बिलीरुबिन की मात्रा में वृद्धि के कारण होता है। इसके पीछे काफी दिनों तक मलेरिया, थैलेसीमिया, स्किल सेल एनीमिया, गिल्बर्ट सिंड्रोम और अन्य कई आनुवांशिक कारण हो सकते हैं। 
  • हेपैटोसेलुलर पीलिया लीवर की कोशिकाओं में नुकसान या लीवर में किसी भी तरह के संक्रमण के कारण होता है जिसके पीछे शरीर में एसिडिटी के बढ़ जाने, ज्यादा शराब पीने, अधिक नमक और तीखे पदार्थों के सेवन जैसे कारण हैं।
  • पोस्ट-हिपेटिक पीलिया पित्त नलिका में रुकावट के कारण होता है जो की लिवर में घाव, पित्ताशय की पथरी, हेपेटाइटिस, किसी दवाई की अधिक मात्रा से विपरीत प्रतिक्रिया होने का परिणाम हो सकती है।

  • • रोग किसे हो सकता है?
  • यह रोग किसी भी अवस्‍था के व्‍यक्ति को हो सकता है। हाँ, रोग की उग्रता रोगी की अवस्‍था पर जरूर निर्भर करती है। गर्भवती महिला पर इस रोग के लक्षण बहुत ही उग्र होते हैं और उन्‍हे यह ज्‍यादा समय तक कष्‍ट देता है। इसी प्रकार नवजात शिशुओं में भी यह बहुत उग्र होता है तथा जानलेवा भी हो सकता है।
  • बी प्रकार का वायरल हैपेटाइटिस व्‍यावसायिक खून देने वाले व्‍यक्तियों से खून प्राप्‍त करने वाले व्‍यक्तियों को और मादक दवाओं का सेवन करने वाले एवं अनजान व्‍यक्ति से यौन सम्‍बन्‍धों द्वारा लोगों को ज्‍यादा होता है।
  • • रोग की जटिलताऍं:-
  • ज्‍यादातार लोगों पर इस रोग का आक्रमण साधारण ही होता है। परन्‍तु कभी-कभी रोग की भीषणता के कारण कठिन लीवर (यकृत) दोष उत्‍पन्‍न हो जाता है।
  • बी प्रकार का पीलिया (वायरल हैपेटाइटिस) ज्‍यादा गम्‍भीर होता है इसमें जटिलताएं अधिक होती है। इसकी मृत्‍यु दर भी अधिक होती है।
  • • पीलिये का आयुर्वेदिक व घरेलू उपचार 
  • प्याज —


  • पीलिया के उपचार के लिए प्याज काफी उपयोगी है। सबसे पहले प्याज को बारीक पीस कर पेस्ट बना लें। अब इस पेस्ट में काली मिर्च, काला नमक और नींबू का रस मिलाकर इसका सुबह-शाम सेवन करें।

  • गन्ने का जूस 


  • पीलिया के रोगी को रोजाना गन्ने के जूस का सेवन करना चाहिए। इससे पीलिया से जल्दी राहत मिलती हैं।  पीलिया होने पर अपनाएं ये घरेलू उपचार

  • गाजर और गोभी का रस 


  • गाजर और गोभी के रस को बराबर मात्रा में मिला लें और इसका कुछ दिनों तक रोजाना सेवन करें। ऐसा करने से पीलिया से जल्दी आराम मिलता है।

  • चने की दाल 


  • रात को चने की दाल को पानी में भिगों दें। सुबह इसमें से पानी निकाल लें और इसमें गुड़ मिलाकर खाएं। यह नुस्खा भी काफी असरदार है।

  • नींबू पानी 

  • नींबू पानी भी काफी फायदेमंद साबित होता है। रोजाना एक या दो गिलास नींबू पानी का सेवन करें।

  • 1. पीलिया के अचूक उपाय के रूप में आप फिटकरी का इस्तेमाल कर सकते हो इसके लिए आपको 50 ग्राम फिटकरी को गर्म कर उसका पानी उड़ना है और उसके बाद आप उस फिटकरी को पीसकर उसका चूर्ण बना लें. इस चूर्ण का मरीज दवा के रूप में सेवन करें l
  • 2. 50 ग्राम फिटकरी का चूर्ण लेकर उसको 20 से 21 पुडिया में बाँट दें l इनमे से हर पुडिया को आप प्रतिदिन मलाई और 100 ग्राम दही के साथ सेवन करें l आप चाहे तो दही में चीनी भी मिला सकते हो l किन्तु ध्यान रहें कि ये उपाय आपको खाली पेट ही करना है l जैसे ही आपकी पुडिया खत्म होती है पीलिया का रोग भी दूर हो चूका होता है l
  • 3. प्याज को छीलकर इससे कुछ पतले पतले हिस्सों में बाँट लें और इसके ऊपर निम्बू का रस निचोड़ें l अब आप कुछ काली मिर्च और काले / सिंधा नमक का मिश्रण लें और प्याज के ऊपर छिड़क लें. इस तरह से आप प्याज का रोजाना सुबह शाम सेवन करें l इस उपाय के 15 से 20 दिन के अंदर ही आपको पीलिया से मुक्ति मिल जाती है l
  • 4. रात को सोने से पहले चने की दाल को एक भगोने में भिगो कर रख दें और सुबह दाल में गुड मिलाकर खायें l इस उपाय को 2 से 3 हफ्ते तक अपनाएं l आपका पीलिया तुरंत भाग जायेंगा l
  • 5. पपीता में कुछ ऐसे तत्व पायें जाते है जो पीलिया के असर को कम करते है l
  • 6. आयुर्वेद में माना जाता है कि पीलिया का रोगी गाय के दूध में बना हुआ पनीर और चने का रसगुल्ला खाता है तो उससे तुरंत अधिक लाभ मिलता है l
  • 7. आप एक भगोने में पानी लें और उसमे कुछ मकोय की पत्तियों को डालकर उबाल लें l आप इन पत्तियों का सेवन करें आपको शीघ्र ही पीलिया के रोग में राहत मिलती है l आयुर्वेद में मकोय की पत्तियों को पीलिया का अचूक उपाय माना जाता है l
  • 8. आप कुछ नीम के पत्ते लें और उन्हें अच्छी तरह धोकर साफ़ कर लें और इनका रस निकाल लें l आप इस रस को दिन में 2 से 3 बार एक चम्मच ग्रहण करें l इससे जल्द ही आपको पीलिया में आराम मिलता है l
  • 9. एक ग्लास दूध में 4 से 5 लहसुन की कलियों को डालकर अच्छी तरह उबाल लें l अब आप इस दूध को पी जाएँ और ऊपर से इन कलियों को खायें l आपको जल्द ही लाभ मिलेगा l
  • 10. एक कटोरी पानी लें और उसमे 10 ग्राम बादाम, 5 ग्राम इलायची और 2 से 3 छुआरों डालकर रातभर भीगने दें l अगले दिन सुबह आप सारी सामग्री में स्वादानुसार पीसी हुई मिश्री डालें और थोडा ताजा मक्खन डालकर अच्छी तरह से मिलाकर एक मिश्रण तैयार कर लें l इस उपाय को आप कम से कम 2 सप्ताह तक जरुर अपनाएं l आपको जल्द ही पीलिया की बिमारी में राहत मिलेगी l बादाम का एक लाभ ये भी है कि इससे आपके पेट में बनी गर्मी भी नष्ट हो जाती है l
  • 11. टमाटर का जूस निकाल लें और उसमे स्वाद अनुसार काली मिर्च और नमक डाल लें l आप इस जूस को सुबह खाली पेट पियें l पीलिया के घरेलू आयुर्वेदिक उपायों में ये उपाय सबसे आसान और असरदार उपाय माना जाता है l
  • 12. इमली का प्रयोग भी आप पीलिया के इलाज के रूप में कर सकते हो l इसके लिए आप इसे भी रात भर भीगने दें और सुबह इसे मसलकर इसके छिलके को उतार दें l इसके बाद आप इसमें इमली का बचा हुआ पानी लें और उसमे थोड़ी काली मिर्च और काला नमक मिलाकर ग्रहण करें l
  • 13. 50 ग्राम की मात्रा में आंवलें का रस लें और उसमे 1 चम्मच शहद मिला लें और इस मिश्रण को 3 सप्ताह तक इस्तेमाल करें l
  • 14. 10 ग्राम सौंठ और 10 ग्राम गुड को मिलकर उसका ठन्डे पानी के साथ सेवन करने से भी 10 से 15 दिनों में पीलिया के रोग में आराम मिलता है l
  • 15. 100 ग्राम मुली के पत्ते लें और उसका रस निकालें. इसके बाद आप इसमें स्वादानुसार चीनी या शक्कर मिलाकर इसका प्रतिदिन सुबह के समय सेवन करें l

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