वायरल बुखार के कारण | लक्षण | बचाव व उपचार

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वायरल बुखार के कारण | लक्षण | बचाव व उपचार
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KayaWell Expert

मौसमी बुखार : — वायरल बुखार बहुत संक्रामक रोग है, जिससे कोई भी व्यक्ति किसी भी समय और कहीं भी ग्रस्त हो सकता है। हालाँकि बच्चे और बुजुर्ग इसकी चपेट में अधिक आते हैं। इस बुखार वैसे तो हर मौसम में होता है, लेकिन बरसात में अधिकतर होता है, इसलिए इस मौसम में इसके प्रति विशेष सावधान रहने की जरूरत होती है। आम बोलचाल की भाषा में फ्लू, इंफ्लुएंजा, कॉमन कोल्ड या साधारण सर्दी के बुखार अथवा हड्डी तोड़ बुखार के नाम से पुकारे जाने वाले इस वायरल बुखार के वायरस का एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक साँस के जरिए होता है। 

• मौसमी बुखार कितने दिन रहता है :—

आमतौर पर 3 से 4 दिनों तक इसका असर दिखता है। 

• वायरल फीवर के मुख्य लक्षण :—

वायरल होने से वाले शरीर में कुछ इस तरह के लक्षण दिखते हैं जैसे, गले में दर्द, खांसी, सिर दर्द थकान, जोड़ों में दर्द के साथ ही उल्टी और दस्त होना, आंखों का लाल होना और माथे का बहुत तेज गर्म होना आदि. बड़ों के साथ यह वायरल फीवर बच्चों में भी तेजी से फैलता है.


• वायरल फीवर होने पर क्या करे :—

इसमें ऐंटिबायोटिक नहीं दी जाती। तापमान 102 डिग्री तक रहता है तो हर 6 घंटे में पैरासिटामॉल की 1 गोली मरीज को दे सकते हैं। बच्चों को हर 4 घंटे में दवा दे सकते हैं। 2-3 दिन तक बुखार ठीक न हो तो एक अच्छे हेल्थ एक्सपर्ट से जांच कराएं । इसके  लिए आपको एक अच्छे एक्सपर्ट को तलाश ने जरुरत होगी, लेकिन  अब आपको परेशान होने की बिलकुल  जरूरत नहीं हैं , क्योंकि आपकी इस समस्या का हल भी  आपको ऑनलाइन ही मिल जायेगा | यहाँ पर आपको आपके क्षेत्र के अनुसार एक अच्छे एक्सपर्ट की लिस्ट मिल जाएगी CLICK HERE.जिनसे आप ऑनलाइन या ऑफलाइन बातचीत कर सकते हैं ।

• वायरल बुखार के घरेलू  उपचार :—

♣ वायरल बुखार के इलाज में सबसे कामयाब औषधि तुलसी है | तुलसी के पत्ते बैक्टीरियलविरोधी, कीटाणुनाशक गुण तुलसी को वायरल बुखार के लिए सबसे उचित है। इसका काढ़ा बनाने के लिए आधे से एक चम्मच लौंग पाउडर को करीब 20 ताजा और साफ तुलसी के पत्तों के साथ एक लीटर पानी में डालकर उबाल लें। पानी को तब तक उबालें जब तक कि पानी घट कर आधा न रह जाए। इस काढ़े का हर दो घंटे में सेवन करें।

♣ वायरल बुखार के दौरान संतरे का जूस भी लाभकारी है |

♣ इसके अतिरिक्त बिना दूध वाली काली चाय में अदरक का रस मिलाएं और एक चम्म्च शहद का डालकर पियें |

♣ अदरक में एंटी आक्सिडेंट गुण बुखार को ठीक करते हैं |  एक चम्मच काली मिर्च का चूर्ण, एक छोटी चम्मच हल्दी का चूर्ण औरएक चम्मच सौंठ यानी अदरक के पाउडर को एक कप पानी और हल्की सी चीनी डालकर गर्म कर लें | जब यह पानी उबलने के बाद आधा रह जाए तो इसे ठंडा करके पिएं | इससे वायरल फीवर से आराम मिलता है 


♣  वायरल बुखार से बचाव :—

 वायरल बुखार से बचाव के लिए यह जरूरी है कि जब वायरल बुखार की महामारी फैली हो तो भीड़- भाड़ वाली जगहों जैसे स्कूल-कॉलेज, बस, ट्रेन आदि में मुँह और नाक पर साफ कपड़ा या रूमाल रख लें। नाक पर रखने वाले सर्जिकल पैड कीटाणु रहित होते हैं, इसलिए इन्हें लगाना अधिक लाभप्रद रहता है।
 मौसम के अनुसार कपड़े पहनने चाहिए। सर्दी के मौसम में गरम कपड़े पहनने और मुँह तथा नाक को छोड़कर शरीर के बाकी हिस्से को ढककर रखें। इसके अलावा भोजन प्रोटीन एवं विटामिन युक्त ग्रहण करना चाहिए।
 
 • वायरल बुखार का क्या कारण  है?

 अधिकांश लोगों में शरीर का तापमान लगभग 98.6 डिग्री फ़ारेनहाइट (37 डिग्री सेल्सियस) होता है। इससे ऊपर की डिग्री कुछ भी बुखार माना जाता है। बुखार अक्सर एक संकेत है कि आपका शरीर किसी प्रकार के जीवाणु या वायरल संक्रमण से लड़ रहा है। एक वायरल बुखार किसी भी बुखार है जो अंतर्निहित वायरल बीमारी के कारण होता है।  

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