समय पर हो खानपान
आयुर्वेद के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि हमारा शरीर प्रकृति के साथ मिलकर काम करता है। हमारी बॉडी दिन और रात के अनुसार अपनी कार्यप्रणाली को बदलती है। इसलिए इस समय का सबसे बड़ा भोजन लिया जाना चाहिए। आपको 6:30 बजे बाद कुछ भी नहीं खाना चाहिए।
फास्टिंग यानी उपवास
ऐसा लगता है कि उपवास पर जाकर वास्तव में आपके पाचन को सुधारने में मदद मिल सकती है। अपने पाचन तंत्र को खाद्य पदार्थों से आराम देंगे तो इस दौरान शरीर को मरम्मत और पुर्नजीवित करने में मदद मिलती है। सीधे शब्दों में कहें तो उपवास करना आपके पाचन को रीसेट करने जैसा है। ताकि वह पूरी तरह से कार्य कर सके।
अदरक और नींबू
अगर आपको लगता है कि आपकी पाचन क्रिया थोड़ी सुस्त है, तो सबसे अच्छा उपाय है अदरक और नींबू। आप पूरे दिन में एक से दो बार अदरक और नींबू चाय पी सकते हैं। यह आप भोजन करने से पहले ले सकते हैं। दूसरी तरफ, यदि आपके पास एक अति सक्रिय पाचन तंत्र है, तो अपने पाचन को बढ़ाने में मदद के लिए अनार का चटनी चुनें। यह बहुत ही फायदेमंद हो सकता है।
ठंडे पेय से बचें
एक और संभावित उपाय है जिसे आप अपने पाचन में सुधार के लिए उपयोग कर सकते हैं वह है ठंडा पेय। आयुर्वेद के अनुसार, शीतल पेय पीना वास्तव में आपके पाचन तंत्र को धीमा कर सकता है। कमरे के तापमान में पानी आपके पाचन रस बहने में मदद करेगा।
तांबे के कप में पानी पीना
ऐसा प्रतीत होता है कि तांबे से बने कप से पीना वास्तव में आपके पाचन के लिए अच्छा होता है क्योंकि यह आपके पेट में अम्लता को कम करते हुए अपने कार्य को बढ़ाता है। यह भी आपके आंत्र आंदोलन में सुधार करने के लिए कहा जाता है।
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