आग से जलने के कारण त्वचा पर प्रभावित जगह लाल हो जाती है, और ज्यादा जलने पर फफोले आ जाते हैं। भाप (वाष्प) से जलने के कारण भी ऐसा होता है। जलने के कारण प्रभावित हिस्से में असहनीय जलन होती है। यदि जलन गंभीर है तो मरीज को तुरंत अस्पताल ले जाना चाहिए। यदि लक्षण गंभीर नहीं है तो जलने का घर पर ही प्राथमिक उपचार किया जा सकता है, और बाद में आवश्यकता पड़ने पर चिकित्सक के पास ले जा सकते हैं। आज के इस लेख के माध्यम से आप जलने के प्राथमिक उपचार के बारे में जानेंगे।
1. जलने पर क्या करे-
किसी भी प्रकार से प्रमुख रुप से जलने पर अपने बच्चे को तुरंत अस्पताल ले जाएं। अस्पताल पहुंचने तक इन चरणों का पालन करें
1) जली हुई जगह से चिपके किसी भी कपड़े को न उतारें।
2) गंभीर रुप से जले क्षेत्रों को पानी में न भिगोएं या कोई मरहम न लगाएं। जीवाणुरहित पट्टी या साफ कपड़े से जली सतह को ठकें।
3) सांस लेने, खांसने या गतिविधि की जांच करें। यदि बच्चा सांस नहीं ले रहा है या परिसंचलन के अन्य लक्षण अनुपस्थित हैं तो कार्डियोपल्मोनरी रेसुसिटेशन (सीपीआर) शुरू करें।
4) यदि संभव हो तो शरीर के जले हिस्से दिल के स्तर से ऊपर उठाएं।
2. जलने पर क्या नहीं करना चाहिए-
1) सूरज की तेज रोशनी से बचाना चाहिए।
2) जल जाने पर ना करें तेल का उपयोग।
3) जलने पर मक्खन का उपयोग नहीं करना चाहिए।
4) टूथपेस्ट का उपयोग जलने पर नहीं करना चाहिए।
5) जलने पर तुरंत बर्फ नहीं लगाना चाहिए।
3. शरीर पर घाव हो गए या त्वचा फूल गयी तो क्या करे-
जलने पर अगर रोगी के शरीर पर घाव पड़ जाये तो रोगी को तुरंत अपने आस-पास के एक अच्छे हेल्थ एक्सपर्ट से इसकी जॉच करवाएं, इसके लिए आपको एक अच्छे एक्सपर्ट को तलाश ने जरुरत होगी। नीचे दिए गए उपायों को अपनाकर आप जलने पर सकते हैं ।
आग से जलने पर आयुर्वेद के सबसे असरकारक 10 घरेलु उपचार
आग से भाप से या किसी और गर्म चीज से जलना बहुत ही दर्दनाक होता है। अगर रोगी का शरीर आधे से ज्यादा जल गया हो तो उसको तुरन्त ही हॉस्पिटल ले जाना चाहिए। लेकिन अगर कोई व्यक्ति थोड़ा बहुत जला हो तो उसकी तुरन्त ही चिकित्सा हो सकती है।
विभिन्न औषधियों द्वारा उपचार-
★ नारियल के तेल में चूने का पानी मिलाकर लगाने से जले हुए रोगी को बहुत आराम मिलता है।
★ शरीर के जल जाने पर अगर कपड़े शरीर से ही चिपक जायें तो उन्हे नारियल या तिल के तेल में रूई को भिगोकर छुड़ाऐं। इसके बाद शरीर पर नारियल, जैतून या तिल का तेल लगाने से भी लाभ होता है।
★ अगर कोई व्यक्ति आग से जल गया हो और उस समय कोई औषधि पास में न हो तो जले हुए स्थान पर नारियल का तेल लगा दें। इससे जलन और दर्द तुरन्त शान्त हो जाते है और जख्म भी नहीं बनता है।
★ नारियल के तेल में तुलसी के पत्तों का रस बराबर की मात्रा में मिलाकर फेंटने के बाद जले हुए अंग पर लगाने से राहत मिलती है।
★ शरीर के जले हुए भाग पर नारियल का असली तेल लगाने से जलन शान्त हो जाती है।
★ 2 चम्मच तुलसी के पत्तों के रस को 100 मिलीलीटर नारियल के तेल में मिलाकर शरीर के जले हुए भाग पर लगाने से आराम आता है।
★ आग से जल जाने पर तुलसी के रस को नारियल के तेल में मिलाकर लगाने से जलन दूर होती है और छाले तथा जख्म भी ठीक हो जाते हैं।
★ भांगरें के पत्तों और तुलसी के पत्तों के रस को शरीर के जले हुए भाग पर दिन में 2-3 बार लगाने से आराम आता है।
★ 250 मिलीलीटर तुलसी के पत्तों का रस और 250 मिलीलीटर नारियल के तेल को एक साथ मिलाकर धीमी आग पर गरम करें। गर्म करने पर जब महसूस हो कि रस का भाग जल गया है तो उस गरम तेल में ही 15 ग्राम मोम डालकर हिलाएं। इस लेप को ठंड़ा होने के बाद रोगी के शरीर के जले हुए भाग पर लगाने से बहुत आराम मिलता है।
★ तुलसी के रस को नारियल के तेल में मिलाकर लगाने से जलने के कारण होने वाली जलन दूर हो जाती है, छाले नहीं पड़ते है तथा घाव भी ठीक हो जाता है।
★ तुलसी के रस को नारियल के तेल में मिलाकर लगाने से जलन, छाले तथा घाव ठीक हो जाते हैं।
- 3. ग्वारपाठा (Aloe Vera) -
★ ग्वारपाठे के अन्दर के 4 भाग गूदे और 2 भाग शहद को मिलाकर शरीर के जले हुए भाग पर लगाने से आराम आता है।
★ ग्वारपाठे के पत्तों के ताजे रस का लेप करने से जले हुए घाव जल्दी भर जाते हैं।
★ ग्वारपाठे के पत्ते को चीरकर निकले गूदे को जली हुई त्वचा पर दिन में 2-3 बार लगाने से जलन दूर होकर शान्ति मिलती है और घाव भी जल्दी भर जाता है।
★ शरीर के आग से जले हुए स्थान पर ग्वारपाठे का गूदा लगाने से जलन शान्त हो जाती है और फफोले भी नहीं उठते हैं।
★ शरीर के जले हुए स्थान पर ग्वारपाठे का गूदा बांधने से फफोले नहीं उठते तथा तुरन्त ठंडक पहुंचती है।
★ ग्वारपाठा के छिलके को उतारकर और पीसकर शरीर के जले हुए भाग पर लेप करने से जलन मिट जाती है और रोगी के जलने के जख्म भी नहीं बनते हैं।
यदि शरीर के किसी अंग को आग ने पकड़ लिया है तो उस समय बडे़ धैर्य से काम लेना चाहिए। सर्वप्रथम उस अंग को पानी में धो लेना चाहिए या फिर उसे कुछ देर तक पानी में डाले रहना चाहिए। ऐसा करने से जलन कम होती है और आराम भी मिलता है। कुछ न हो तो एक कपड़े को पानी से तर करके जले हुए भाग पर रखना चाहिए। इससे जलन पर एक तरह का मलहम लग जाता है। इसके बाद घरेलू चिकित्सा की ओर दौड़ना चाहिए। 50 दाने धनिया, एक टिकिया कपूर और थोड़े से नारियल के तेल को एक साथ मिलाकर खरल या किसी बर्तन में घोंटकर मलहम बना लेना चाहिए फिर इसको दिन में कई बार जले हुए अंगों पर लगाना चाहिए। इस मलहम को लगाने से कुछ ही दिनों में जले का घाव ठीक होने लगेगा और दाग भी नहीं पडे़गा।
★ तिल को पीसकर शरीर के गर्म पानी से या आग से जल गये भागों पर लेप करने से आराम आता है।
★ तिलों को पानी में पीसकर बने लेप को जले हुए अंग पर मोटा लेप करने से जलन में लाभ पहुंचेगा।
★ तिल के बीजों को बराबर मात्रा में नारियल के तेल में मिलाकर जले हुए भाग पर लेप करने से आराम मिलता है।
★ शरीर के जले हुए भाग पर मछली या तिल का तेल लगाने से लाभ होता है।
★ कच्चे चावल (अरबा चावल) और उससे दुगनी मात्रा में काले तिल को लेकर ठंड़े पानी के साथ पीसकर लगातार 3 दिनों तक शरीर के जले हुए भाग पर लेप करने से जलन और दर्द दूर हो जाता है। ध्यान रहें कि इन 3 दिनों के बीच में जले हुए भाग को धोये नहीं। जब आराम हो जायेगा तो पपड़ी अपने आप ही हट जायेगी।
★ चावल के छिलकों को जलाकर उसकी राख को घी में मथकर लगाने से आग से जलने के घाव ठीक हो जाते हैं।
★ अलसी (तीसी) के तेल, चूने और पानी को एकसाथ मिलाकर शरीर के जले हुए भाग पर लगाने से आराम होता है।
★ शुद्ध अलसी के तेल और चूने के निथरे हुए पानी को बराबर मात्रा में मिलाकर अच्छी प्रकार घोट लें। घोटने के बाद यह सफेद मलहम जैसा बन जाता है जिसे अंग्रेजी में कारोन ऑयल कहते हैं। इस मलहम को शरीर के जले हुए भाग पर लगाने से जख्म में होने वाला दर्द दूर हो जाता है।
★ आम के पत्तों को जलाकर उसकी राख को शरीर के जले हुए भाग पर छिड़कने से तुंरत ही रोगी को जलन और दर्द से राहत मिल जाती है।
★ आम की गुठली की गिरी को थोड़े से पानी के साथ पीसकर शरीर के आग से जले हुये भाग पर लगाने से तुरन्त शान्ति प्राप्त होती है।
★ आम की गुठली की गिरी को पानी में पीसकर जले हुए भाग पर लगाना लाभकारी रहता है।
★ चाय के उबले हुए पानी को ठंड़ा करके किसी साफ कपड़े के टुकड़े या रूई से शरीर के जले हुए भाग पर लगाने से जलन और दर्द समाप्त हो जाते हैं।
★ अगर शरीर का कोई अंग किसी भी कारण से जल गया हो या झुलस गया हो तो चाय के उबलते हुए पानी को ठंड़ा करके उसमें साफ कपड़ा भिगोकर जले हुए अंग पर रखकर पट्टी बांधे। इस पट्टी को बार-बार बदलते रहें। इससे जले हुए अंगों पर फफोले नहीं पड़ते और त्वचा पर जलने के निशान भी नहीं बनते।
★ मेहंदी के पत्तों को पीसकर शरीर के जले हुए भाग पर लगाने से बहुत जल्दी आराम मिलता है।
★ आग से जले हुये भाग पर मेहंदी की छाल या पत्तों को पीसकर गाढ़ा लेप करने से ठंड़क मिलती है।
★ मेहंदी के पत्तों की चटनी बनाकर जले हुए भाग पर लगाने से आराम मिलता हैं।
★ भंगरैया का पत्ता, भरबा और मेहंदी के पत्तों को एकसाथ पीसकर लेप करने से जलन दूर होती है और जख्म भी ठीक हो जाता है। इससे जले हुए स्थान पर सफेद निशान भी नहीं रहते हैं।
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