खूब पीएं पानी
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अगर किडनी को स्वस्थ रखना है तो ज्य़ादा पानी पीना बेहतर उपचार है। इसके लिए हर सामान्य स्वस्थ व्यक्ति को प्रतिदिन औसतन 4-5 लीटर पानी पीना चाहिए। पानी शरीर में मौज़ूद कई तरह के विषैले तत्वों को यूरिन के साथ आसानी से बाहर निकाल देता है और पाचन-तंत्र की कार्य प्रणाली को भी दुरुस्त रखता है। इससे कब्ज़ की समस्या नहीं होती। इसके अलावा पानी शरीर में रक्त प्रवाह को सही रखते हुए खून को गाढ़ा बनने से रोकता है। ज्य़ादा पानी पीने से ब्लडप्रेशर का स्तर भी संतुलित बना रहता है।
अपनाएं संतुलित आहार
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रोज़ाना के भोजन में चीनी और नमक का अधिक मात्रा में इस्तेमाल किडनी की सेहत के लिए बहुत नुकसानदेह साबित होता है। इन दोनों चीज़ों की अधिकता से उसके काम करने की गति धीमी पड़ जाती है। इसलिए मिठाइयों, चॉकलेट, केक-पेस्ट्री, वेफर्स, प्रोसेस्ड फूड, अचार, पापड़ और चटनी जैसी चीज़ों का सेवन सीमित मात्रा में करें क्योंकि इनमें नमक और चीनी का भरपूर मात्रा में इस्तेमाल होता है। इसके अलावा नॉनवेज, मशरूम और दालों का सेवन भी संतुलित मात्रा में करना चाहिए क्योंकि इनमें भरपूर प्रोटीन पाया जाता है। यह शरीर के लिए बेहद ज़रूरी है, लेकिन इसकी अधिकता की वजह से यूरिक एसिड की समस्या हो सकती है।
इसी तरह मिल्क प्रोडक्ट्स का सेवन हड्डियों की मज़बूती के लिए ज़रूरी होता है, लेकिन इसकी अधिकता की वजह से स्टोन की समस्या हो सकती है। ऐसी समस्याओं से बचने के लिए खानपान में संतुलन बेहद ज़रूरी है। कैल्शियम और प्रोटीनयुक्त चीज़ों को अपने भोजन में ज़रूर शामिल करें, पर इनकी मात्रा बहुत ज्य़ादा नहीं होनी चाहिए। रंग-बिरंगे फलों और सब्जि़यों को अपने आहार का ज़रूरी हिस्सा बनाएं। इनमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट तत्व किडनी को इन्फेक्शन से बचाते हैं। इसके अलावा जहां तक संभव हो एल्कोहॉल-सिगरेट से दूर रहने की कोशिश करें क्योंकि ये चीज़ें लिवर के अलावा किडनी को भी बहुत नुकसान पहुंचाती हैं। अगर आप खानपान की स्वस्थ आदतें अपनाएंगे तो किडनी से संबंधित बीमारियां आपको कभी भी परेशान नहीं करेंगी।
यह भी न भूलें
अगर किसी दवा का सेवन न किया जा रहा हो तो सामान्यत: स्वस्थ व्यक्ति का यूरिन रंगहीन होना चाहिए।
प्रतिदिन लगभग चार लीटर पानी पीने वाले सामान्य स्वस्थ लोगों को हर तीन घंटे के अंतराल पर यूरिनेशन होना चाहिए।
रुक-रुक कर थोड़ा-थोड़ा यूरिन आना, बार-बार टॉयलेट जाने की ज़रूरत महसूस होना, यूरिनेशन के दौरान दर्द-जलन और पैरों में सूजन जैसे लक्षण दिखाई दें तो बिना देर किए डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए क्योंकि ये किडनी संबंधी गड़बड़ी के लक्षण हो सकते हैं।
अगर किसी व्यक्ति को डायबिटीज़ या हाइ बीपी की समस्या हो तो उसे चीनी-नमक का सेवन सीमित मात्रा में करते हुए साल में एक बार केएफटी (किडनी फंक्शन टेस्ट) ज़रूर करवाना चाहिए।
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